Big News: स्कूलों में होगी भोजपुरी, मगही, अंगिका जैसी भाषाओं की पढ़ाई, पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी
News18
New Education Policy: नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी की जा रही है. इससे बिहार के लाखों छात्र-छात्राएं प्रभावित होंगे. बदलाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्कूली किताबें भी बदल जाएंगी. नई शिक्षा नीति के तहत पहली से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाएगा. नाए सिलेबस में क्षेत्रीय भाषाओं को भी उचित स्थान देने की संभावना है.
पटना. बिहार शिक्षा विभाग स्कूलों के पाठ्यक्रम में अभूतपूर्व बदलाव करने की तैयारी में है. नई शिक्षा नीति के तहत ये बदलाव किए जाएंगे. कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी चल रही है. स्कूली शिक्षा में बदलाव की इस प्रक्रिया को साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पाठ्यक्रम में बदलाव के बाद किताबें भी पूरी तरह से बदल जाएंगी. इससे प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राएं प्रभावित होंगे. इसका उद्देश्य पाठ्यक्रम में अन्य बदलावों के साथ क्षेत्रीय भाषाओं को पाठ्यक्रम में समुचित जगह देना है.
दरअसल, नई शिक्षा नीति के तहत देशभर में स्कूली पाठ्यक्रम को बदलने की कवायद तेज हो गई है. शिक्षा विभाग के विशेषज्ञ लगातार इस पर काम कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो नई शिक्षा नीति के तहत साल 2026 तक पहली क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक की किताबें पूरी तरह से बदल जाएंगी. इससे लगभग सवा 2 करोड़ छात्रों को नए पाठ्यक्रम से ही पढ़ाई करनी पड़ेगी.
4 भाषाओं को जगह नई शिक्षा नीति की सबसे अच्छी बात यह है कि अब क्षेत्रीय भाषाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा. प्रारंभ में ही पांचवीं कक्षा तक मगही, भोजपुरी, अंगिका और वज्जिका भाषाओं की पढ़ाई शुरू हो सकेगी. वर्तमान में इन भाषाओं की अलग से पढ़ाई नहीं हो रही है, लेकिन वर्षों से इन भाषाओं की पढ़ाई की मांग उठती रही है. इसके बाद शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों की राय पर इन चार नए भाषाओं को नए पाठ्यक्रम में जगह दिया जा रहा है.
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