
Akshaya Tritiya 2024: जैन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व, जानें क्यों गन्ने का रस पीकर खोलते हैं व्रत
AajTak
Akshaya Tritiya 2024: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व बताया गया है. अक्षय तृतीया के दिन मूल्यवान चीजों की खरीदारी का फल अक्षय होता है. इस दिन दान-पुण्य करने वालों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया का जैन धर्म में भी विशेष महत्व है.
Akshaya Tritiya 2024: Akshaya Tritiya 2024: हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है. सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व बताया गया है. अक्षय तृतीया के दिन मूल्यवान चीजों की खरीदारी का फल अक्षय होता है. इस दिन दान-पुण्य करने वालों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया का जैन धर्म में भी विशेष महत्व है. आइए जानते हैं कि आखिर अक्षय तृतीया का जैन धर्म से क्या संबंध है.
जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान आदिनाथ ने सबसे पहले समाज में दान का महत्व समझाया था और इसकी शुरुआत की थी. भगवान आदिनाथ ने स्वयं अपना राज-काज त्यागकर जंगल में तप किया था. वह लगातार छह महीनों तक तपस्या में डूबे रहे. आदिनाथ को जब लगा कि उन्हें दान-पुण्य को लेकर लोगों को प्रेरित करना चाहिए, तो उन्होंने आहार मुद्रा धारण की और नगर की ओर चल पड़े.
जब तीर्थंकर मुनि तपस्या छोड़ वापस लौटे तो उन्हें देखकर सभी नगरवासी खुशी से झूम उठे. नगरवासी तीर्थंकर मुनि को तरह-तरह की भेंट देने के लिए आगे आने लगे. लेकिन वे नहीं जानते थे कि मुनिराज दुनिया की मोह-माया का त्याग कर चुके हैं. ऐसा करते-करते उन्हें छह महीने हो गए और उन्हें आहार की प्रप्ति कहीं नहीं हुई. और इस तरह लगभग एक साल से ज्यादा का समय बीत गया.
फिर एक दिन मुनिराज हस्तिनापुर के नाम से प्रचलित शहर चले गए, जो राजा सोम और राजा श्रेयांस का राज्य था. राजा श्रेयांस बहुत ज्ञानी राजा थे और उन्हें आहार विधि का भी ज्ञान था. राजा श्रेयांस को 'पूर्व भाव स्मरण' यानी पिछले जन्म से विचार जानने की शक्ति प्राप्त थी. इसी के बल पर वह मुनिराज के मन की बात समझ सके. उन्होंने मुनिराज को देख आहार दान की प्रक्रिया शुरू कर दी और सबसे पहले मुनिराज को इक्षुरस यानी गन्ने के रस से आहार कराया. और इसी तरह राजा श्रेयांस और राजा सोम के घर सबसे पहले तीर्थंकर मुनिराज के आहार हुए.
ऐसी मान्यता हैं कि जिस दिन मुनिराज का उपवास खुला था, उस दिन अक्षय तृतीया थी. तभी से जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर व्रत रखकर गन्ने का जूस पीकर व्रत खोलने की परंपरा है. इस दिन लोग गरीबों, आश्रितों और भूखे लोगों को भी गन्ने का जूस पिलाकर पुण्य कमाते हैं.
जैन धर्म में अक्षय तृतीया पर दान की परंपरा कहते हैं कि तभी से जैन धर्म में अक्षय तृतीया के दिन लोग आहार दान, ज्ञान दान, औषाधि दान या फिर मंदिरों में कई प्रकार की चीजें दान करते हैं. जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान आदिनाथ ने इस दुनिया को असि-मसि-कृषि के बारे में बताया था. इसे आसान भाषा में समझें तो असि यानि तलवार चलाना, मसि यानि स्याही से लिखना, कृषि यानी खेती करना होता है. भगवान आदिनाथ ने ही लोगों को इन विद्याओं के बारे में बताया था और जीवन यापन के लिए लोगों को इन्हें सीखने के लिए प्रेरित किया था. कहते हैं कि भगवान आदिनाथ ने ही सबसे पहले अपनी बेटियों को पढ़ाकर जीवन में शिक्षा का महत्व बताया था.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









