स्कूलों में आ रही लैंगिक समानता, ड्रॉपआउट भी घटा, आर्थिक सर्वेक्षण ने दी खुश होने की ये 4 वजहें
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Economic Survey 2022-23 Report: देश के आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में सामने आया है कि साल 2022 में स्कूलों में एनरोलमेंट दर लगातार बढ़ रही है. वहीं छात्र-छात्राओं का अनुपात भी सुधर रहा है, साथ ही स्कूलों की ड्रॉपआउट दर घट रही है.
Economic Survey 2022-23 Report: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस सर्वेक्षण ने शिक्षा के क्षेत्र में 2022 में हुए नये परिवर्तनों को बताया गया, ये आंकड़े कोरोना के बाद स्कूली व्यवस्था में सुधार को दर्शाने वाले हैं. सर्वेक्षण के अनुसार, साल 2022 में स्कूल छोड़ने की दर में निरंतर कमी आई है और माध्यमिक व उच्च शिक्षा दोनों में नामांकन में वृद्धि हुई है.
लैंगिक समानता बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत सर्वेक्षण के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में लैंगिक समानता में भी सुधार हुआ है. जो कि वाकई खुश होने की अच्छी वजह कही जा सकती है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि लड़कियों के साथ-साथ लड़कों के लिए छह से 10 वर्ष की आयु में जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में कक्षा 1 से 5 में प्राइमरी एनरोलमेंट में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष) के दौरान सुधार हुआ है.
इसमें कहा गया है कि हायर प्राइमरी में जीईआर (11-13 वर्ष की आयु में जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में कक्षा 6 से 8 में नामांकन), जो वित्त वर्ष -17 और वित्त वर्ष -19 के बीच स्थिर था, वित्त वर्ष -22 में इसमें भी सुधार हुआ है . आंकड़े बताते हैं कि इस रिकवरी ने "वित्त वर्ष -17 और वित्त वर्ष -19 के बीच गिरावट के रुझान को एकदम उलट दिया है.
एनरोलमेंट बढ़ा
साल 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि लड़कियों के लिए जीईआर प्राथमिक और उच्च-प्राथमिक स्तरों में समान आयु समूहों के पुरुषों की तुलना में अधिक है. वित्त वर्ष -22 में, स्कूल एनरोलमेंट 26.5 करोड़ बच्चों का था, जिसमें 19.4 लाख अतिरिक्त बच्चे प्राथमिक से उच्च-माध्यमिक स्तर तक नामांकित थे. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष-22 में कुल मिलाकर 22.7 लाख बच्चे विशेष आवश्यकता वाले (CWSN) हैं, जो वित्त वर्ष-21 में 21.9 लाख से 3.3 पर्सेंट ज्यादा हैं.
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