‘‘भारत में हम बिना सेनापति के ही कोरोना से लड़ रहे युद्ध’’
The Quint
Coronavirus in India| The COVID-19 Crisis in India: Why India is facing current COVID-19 Crisis? What went wrong and what should be done to manage the pandemic? भारत में कोविड संकट पर विशेषज्ञ- ‘स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त करना जरूरी.’
तकरीबन 100 भारतीय वैज्ञानिकों ने मौजूदा कोविड संकट से निपटने में मदद के लिए सरकार से ICMR डेटा की ज्यादा उपलब्धता और पारदर्शिता की मांग की है.इस समय जबकि दूसरी लहर पूरे जोर पर है और बहुत से भारतीय अभी भी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं, वैज्ञानिकों ने और ज्यादा तालमेल के लिए ICMR से उसके डेटा को साझा करने की मांग की है.“हमें हर हाल में डेटा साझा करना चाहिए. हमें दूसरे देशों की चेतावनियों पर भी ध्यान देना होगा. याद कीजिए कि खुलेपन से डेटा साझा न करने के लिए चीन की कितनी आलोचना हुई थी?”डॉ. स्वप्निल पारिख, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट, मुंबईशीर्ष वैज्ञानिकों की याचिका में, जिसमें मशहूर वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग भी शामिल हैं, कहा गया है, “ICMR डेटाबेस सरकार से बाहर के किसी भी शख्स के लिए अनुपलब्ध है और शायद सरकार के भीतर भी बहुतों के लिए. ज्यादातर वैज्ञानिकों— जिनमें से कई साइंस व टेक्नोलॉजी विभाग और नीति आयोग द्वारा भारत के लिए नए भविष्यवाणी मॉडल विकसित करने को नामांकित किए गए हैं— की इन आंकड़ों तक पहुंच नहीं है.”इसमें कहा गया है कि हालात का आकलन करने और लहरों (waves) का पूर्वानुमान लगाने के लिए डेटा जरूरी है, जिससे मेडिकल सप्लाई, ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और दवाओं की जरूरत का आकलन करने में मदद मिलेगी.पत्र में ICMR के डेटा छिपाकर रखने की निंदा की गई है और कहा गया है कि, “कई वैज्ञानिक अस्पताल में भर्ती हुए कोविड-19 के मरीजों की कोमॉर्बिडिटीज और ब्लड के विश्लेषण का डेटा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है.”तेज जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरतपत्र में इंडियन SARS-CoV-2 कन्सोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) के मामले का हवाला देते हुए इसकी धीमी और कम सीक्वेंसिंग के लिए आलोचना की गई है. “सिर्फ एक फीसद संक्रमित व्यक्तियों की ही सीक्वेंसिंग की गई है,” और यह समझने के लिए कि क्या कोई म्यूटेटेड वायरस ज्यादा मारक और संक्रामक है, ज्यादा डेटा जरूरी है.फिट के इससे पहले के एक आर्टिकल में डॉ. कांग ने कहा था,“हम एक महामारी के बीच में हैं और यह ऐसा वायरस है, जो बहुत ज्यादा तेजी से विकसित हो रहा है. मुझे नहीं लगता कि हम जो सीक्वेंसिंग कर रहे हैं, वह काफी है. यह भौगोलिक स्तर पर या महामारी विज्ञान के स्तर पर सही प्रतिनिधित्...More Related News