पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार की पेशी से पहले मारपीट के मामले में BJP-कांग्रेस के नेता बरी
News18
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) रवींद्र कुमार पांडे ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपी भीड़ के साथ मौजूद थे, जिसने कथित तौर पर जामई को पीटा था. अदालत ने कहा कि यह भी साबित नहीं हुआ कि शर्मा ने जामई को किसी तरह की कोई चोट पहुंचाई थी या उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. अदालत ने यह भी गौर किया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में भी विफल रहा कि शर्मा उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने जामई को गलत तरीके से कथित तौर पर रोका था.
नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक ओपी शर्मा (Former MLA OP Sharma) और कांग्रेस के पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह (Tarvinder Singh Marwah) को एक मामले बरी कर दिया है. अदालत ने फरवरी 2016 में पटियाला हाउस अदालत परिसर के बाहर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पूर्व नेता अमीक जामई (Amik Jamai) के साथ कथित तौर पर मारपीट के मामले में बरी (Acquitted) किया है. यह कथित घटना पटियाला हाउस अदालत परिसर के बाहर तब हुई थी, जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार को राजद्रोह के एक मामले में अदालत में पेश किया जाना था.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) रवींद्र कुमार पांडे ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपी भीड़ के साथ मौजूद थे, जिसने कथित तौर पर जामई को पीटा था. अदालत ने कहा कि यह भी साबित नहीं हुआ कि शर्मा ने जामई को किसी तरह की कोई चोट पहुंचाई थी या उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. अदालत ने यह भी गौर किया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में भी विफल रहा कि शर्मा उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने जामई को गलत तरीके से कथित तौर पर रोका था.
आपराधिक रूप से धमकाया और जान से मारने की धमकी दीमारवाह के बारे में, न्यायाधीश ने गौर किया कि अदालत में जिरह के दौरान, जामई ने कहा कि उसने शिकायत में उनका नाम इस आधार पर लिया कि उन्होंने मारवाह शब्द को भीड़ में सुना. हालांकि, वह अदालत में उनकी उस व्यक्ति के रूप में पहचान करने में विफल रहे, जो भीड़ का नेतृत्व कर रहा था और जिसने उन्हें पीटा था. अभियोजन पक्ष के अनुसार 15 फरवरी 2016 को दोनों आरोपियों ने अपने साथियों के साथ जामई को गलत तरीके से रोका और उनके साथ मारपीट की. यह भी आरोप लगाया गया था कि शर्मा ने जामई को आपराधिक रूप से धमकाया और जान से मारने की धमकी दी.
पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गईदरअसल, 2016 में कोर्ट में पेशी के दौरान कथित तौर पर कन्हैया कुमार के साथ मारपीट की गई थी. तब इस घटना को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस एक्सक्लूसिव वीडियो में कन्हैया कुमार ने ये भी दावा किया था कि जिस वक्त उसके साथ मारपीट हो रही थी उस वक्त दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही. कन्हैया ने कहा था कि मारपीट करने वाले वकील की ड्रेस में थे. वकीलों ने मुझे गंदी गंदी गालियां दीं. ऐसा लग रहा था कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे. मैंने एक वकील को पहचाना भी था. मैंने पुलिसवालों को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई.