कानपुर व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड: छठवां फरार इनामी आरोपी दरोगा विजय यादव भी गिरफ्तार
News18
एसआईटी कानपुर की टीम पिछले दो हफ्ते से गोरखपुर में डेरा डालकर मामले की पड़ताल में जुटी है. इस दौरान आरोपी पुलिसकर्मियों के बयान को दर्ज करने के साथ ही पूरे प्रकरण से जुड़े लोगों के बयान को दर्ज किया है. फिलहाल अब तक की एसआईटी जांच में पुलिस द्वारा पीटे जाने की वजह से व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत होने की बात सामने आ रही है.
कानपुर. कानपुर (Kanpur) के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्या मामले (Manish Gupta murder case) में फरार छठें फरार दारोगा विजय यादव (Vijay Yadav) को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कैंट पुलिस ने फरार पुलिसकर्मी को रेलवे म्यूजियम के पास से गिरफ्तार किया. एक लाख के ईनामी दारोगा विजय यादव की गिरफ्तारी से अब मनीष गुप्ता हत्या मामले में सभी नामजद छह आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो गई है. इनमें रामगढ़ताल थाने के पूर्व प्रभारी जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, दारोगा राहुल दुबे, सिपाही प्रशांत और कमलेश यादव शामिल हैं. पूर्व में गिरफ्तार सभी आरोपी जिला जेल में बंद हैं.
बताया गया है कि गिरफ्तारी से बचने को लेकर दारोगा विजय यादव ने हाईकोर्ट में पुलिस की एफआईआर को चुनौती दी थी. हालांकि पुलिस का दावा है कि कोर्ट में सुनवाई से पहले ही पुलिस ने फरार ईनामी दारोगा विजय यादव को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं गिरफ्तार दारोगा विजय यादव को पुलिस ने कानपुर की एसआईटी के सुपुर्द किया है. एसआईटी रामगढ़ताल थाने पर आरोपी दारोगा से घटना के बाबत पूछताछ कर रही है. खासकर एसआईटी यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर घटना के दिन होटल कृष्णा पैलेस में क्या कुछ हुआ था. बताया जा रहा है कि पूछताछ के बाद आरोपी दारोगा विजय यादव को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जायेगा.
गौरतलब है कि रामगढ़ताल थाना के कृष्णा पैलेस के होटल नंबर 512 में बीते 27 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी. मनीष की मौत को लेकर शुरूआत में एसएसपी गोरखपुर ने उसे हादसा बताया था. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट एसएसपी के बयान से उलटा साबित होने पर मृतक की पत्नी मीनाषी गुप्ता ने योगी सरकार के मदद की गुहार लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने सीबीआई जांच के संस्तुति करने के साथ ही केस ट्रांसफर किए जाने तक पूरे प्रकरण की जांच एसआईटी से कराने का निर्देश दिया था.
वहीं मामले की जांच मिलते ही एक्शन में आई एसआईटी कानपुर की टीम पिछले दो हफ्ते से गोरखपुर में डेरा डालकर मामले की पड़ताल में जुटी है. इस दौरान आरोपी पुलिसकर्मियों के बयान को दर्ज करने के साथ ही पूरे प्रकरण से जुड़े लोगों के बयान को दर्ज किया है. फिलहाल अब तक की एसआईटी जांच में पुलिस द्वारा पीटे जाने की वजह से व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत होने की बात सामने आ रही है. हालांकि एसआईटी द्वारा अभी इस प्रकरण में कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. कयास लगाये जा रहे हैं कि सभी आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के साथ ही अब एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट सीबीआई को सौंप सकती है.