अडानी की कहानी: शून्य से शिखर तक की यात्रा, फिर 9 दिन में कैसे हिल गया भारत के इस रईस का साम्राज्य!
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शून्य से शिखर तक गौतम अडानी की यात्रा हैरतअंगेज है तो अब अडानी ग्रुप से शिखर से नीचे लुढ़कने की यात्रा ने सबको चौंका दिया है. शेयर बाजार में अडानी गुप के शेयर हर दिन नीचे गिर रहे हैं. विदेशी की नामी फाइनेंस एजेंसियां अडानी ग्रुप के बॉन्ड को लेकर वॉर्निंग जारी कर रही हैं. अडानी ग्रुप पर आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी के आर्थिक साम्राज्य की चूलें हिला दीं हैं.
अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुंबई में शेयरों में जारी गिरावट से मार्केट में हाहाकार मचा है तो देश की राजधानी दिल्ली में विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा काटा. विपक्ष की मांग है कि अडानी ग्रुप पर लग रहे आरोपों पर चर्चा होनी चाहिए. जांच के लिए JPC का गठन होना चाहिए. मतलब एक अमेरिकी रिपोर्ट से हिले अडानी साम्राज्य पर अब पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. बड़ा सवाल ये कि अडानी ग्रुप का आगे क्या होगा, आज पूरी दुनिया की नजरें अडानी ग्रुप पर हैं. चाहे निवेशक हो, चाहे लोन देने वाले बैंक हो या फिर आम लोग.
फिलहाल, सभी अडानी ग्रुप के वर्तमान को देखकर भविष्य पर मंडरा रहे खतरे का आकलन करने में जुटे हैं. वैसे अडानी ग्रुप पर मौजूदा संकट के पीछे है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, लेकिन अब तरह-तरह की बातें और अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं. मौजूदा क्राइसेस को लेकर दो तरह की थ्योरी पेश की जा रही है. पहली ये कि अडानी ग्रुप को टारगेट करने के लिए बड़ी साजिश के तरह सबकुछ हो रहा है, दूसरी थ्योरी ये है कि अडानी ग्रुप अपने साम्राज्य को लेकर जितना बताया उससे कहीं ज्यादा छिपा रखा है. अब अडानी ग्रुप पर आई रिपोर्ट का झगड़ा सेंसेक्स से देश की संसद तक पहुंच चुका है. आखिर पूरी कंट्रोवर्सी क्या है. आपको रिपोर्ट के जरिए समझाते हैं.
अडानी को लेकर संसद में विरोध
सबसे पहले आज संसद के अंदर का हाल आपको दिखाते हैं. कैसे विपक्ष ने अडानी ग्रुप पर अमेरिका रिपोर्ट को हथियार बनाकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. लोकसभा में अडानी-अडानी गूंजा, नतीजा संसद ठप हो गई. विपक्ष का अडानी ग्रुप को लेकर आरोप यही है कि सबकुछ गोलमाल है. अडानी ग्रुप पर बीजेपी की विशेष कृपा है और ग्रुप में पब्लिक का पैसा डूब रहा है. LIC और SBI का पैसा डूब रहा है. जनता का पैसा मोदी ने अपने मित्र पर लुटवाया है. अडानी ग्रुप को लेकर संसद में पूरा विपक्ष एक सुर में, एक ही बात दोहरा रहा है.
बड़ी बात ये है कि अडानी ग्रुप पर हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट ने पहले ही गौतम अडानी को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान से 16वें पायदान पर धकेल दिया है. आईएफओ के जरिए जुटाई गई रकम को भी अडानी ग्रुप ने वापस करने का फैसला किया है. अब अडानी ग्रुप को लेकर सभी के मन में दो सवाल हैं.
सवाल नंबर-1: हर दिन कमजोर हो रहे अडानी ग्रुप का आगे क्या होगासवाल नंबर-2: क्या अडानी ग्रुप अपनी ग्रोथ रेट पर वापस लौट पाएगा.
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